मैं तारों से निभाना चाहता हूँ.
मशीयत से कहो चाहे न मुझको
ज़मीन पर घर बनाना चाहता हूँ
ये दम है कि निकलता ही नहीं
मैं एक वादा निभाना चाहता हूँ.
मुझे बेकद्र दुनिया क्योंकर समझे
ज़माने को बदलना चाहता हूँ.
दिलों का दर्द मेरी आशिकी ने काट दिया। मेरी मियाद मेरी मैकशी ने काट दिया। बयान करने को अब कोई बहाना न बना तेरी ज़बान मेरी ख़ामुशी ने काट दि...
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