बेसदा हम हैं तो क्या
हममें नहीं है जिंदगी
जान जाएँ हम जिसे
ऐसी नहीं है जिंदगी
हम चले - चलते रहे
उस दूर मंजिल कि तरफ
पास आकर भी सदा
एक अजनबी है जिंदगी
शब्द में ढाला किये
खूंटों में इसे बाँधा किये
चंद खूंटों में कभी
बंधती नहीं है जिंदगी
दिलों का दर्द मेरी आशिकी ने काट दिया। मेरी मियाद मेरी मैकशी ने काट दिया। बयान करने को अब कोई बहाना न बना तेरी ज़बान मेरी ख़ामुशी ने काट दि...