बेरुखी का कोई चिराग जलाये रखना
कम से कम एक सितारे को सताये रखना
शमा जल जायेगी बुझ जायेगी रुसवा होगी
दिल में जज्बात की इक लौ को जलाये रखना
तू वहीं है जहां से मेरी सदा लौटी है
अगर सुना न हो तो कान लगाये रखना
न जाने कौन सी महफिल है जहां पे मैं भी नहीं
मेरी जज्बात की रंगत को बनाये रखना
साथ वो आये न आये है ये उसकी मर्जी
अपने जज्बात तजुर्बात संभाले रखना
जिन्दगी दूर से कु्छ ऐसी सदा देती है
कोई मुश्किल नहीं अपनों को अपनाये रखना।
ख्वाब आंखों में न हों फिर भी कोई बात नहीं
अपने सीने में कोई सपना सजाये रखना
कौन कहता है कि मद्धिम नहीं होगा सुरज
अपने अल्फाज की रंगत को चमकाये रखना
नहीं कहूंगा कि मैं हूं किताब पढ मुझको
दिल के अलमीरे में तू मुझको सजाये रखना
कि जिस किताब को पढा नहीं तूने अबतक
उसकी हर वर्क पे नजरों को जमाये रखना
बस एक सवाल से क्यों मुझसे खफा हो बैठे
मेरी बातों को न यूं दिल से लगाये रखना
कोई फ़र्क भी नहीं तुम जवाब दो या न दो
मेरी आदत है - सवालों को सजाये रखना
- आकर्षण कुमार गिरि
कम से कम एक सितारे को सताये रखना
शमा जल जायेगी बुझ जायेगी रुसवा होगी
दिल में जज्बात की इक लौ को जलाये रखना
तू वहीं है जहां से मेरी सदा लौटी है
अगर सुना न हो तो कान लगाये रखना
न जाने कौन सी महफिल है जहां पे मैं भी नहीं
मेरी जज्बात की रंगत को बनाये रखना
साथ वो आये न आये है ये उसकी मर्जी
अपने जज्बात तजुर्बात संभाले रखना
जिन्दगी दूर से कु्छ ऐसी सदा देती है
कोई मुश्किल नहीं अपनों को अपनाये रखना।
ख्वाब आंखों में न हों फिर भी कोई बात नहीं
अपने सीने में कोई सपना सजाये रखना
कौन कहता है कि मद्धिम नहीं होगा सुरज
अपने अल्फाज की रंगत को चमकाये रखना
नहीं कहूंगा कि मैं हूं किताब पढ मुझको
दिल के अलमीरे में तू मुझको सजाये रखना
कि जिस किताब को पढा नहीं तूने अबतक
उसकी हर वर्क पे नजरों को जमाये रखना
बस एक सवाल से क्यों मुझसे खफा हो बैठे
मेरी बातों को न यूं दिल से लगाये रखना
कोई फ़र्क भी नहीं तुम जवाब दो या न दो
मेरी आदत है - सवालों को सजाये रखना
- आकर्षण कुमार गिरि
बहुत खूबसूरत हैं ये जज्बात...
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना....
आपकी हर रचना की तरह यह रचना भी बेमिसाल है !
जवाब देंहटाएंएक और सुन्दर कविता आपकी कलम से !
वाह गिरी जी सीधे अंतर्मन के दरवाजे पर दस्तक देती प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं"जिंदगी दूर से कुछ ऐसी सदा देती है
कोई मुश्किल नहीं अपनों को अपनाये रखना"
आकर्षण जी
जवाब देंहटाएंबहुत आकर्षण है आपके लेखन में :))
दिल में जज़्बात की लौ जलाए रखना बहुत सही रास्ता है … आभार !
ख़ूबसूरत ब्लॉग के लिए भी
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
baht badhiya,,,subah bana di aapne aakarshan bhaiya..:)
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत जज्बातों को बहुत ही खूबसूरती से प्रस्तुती करती आपकी रचना....
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत भाव...आनंद आ गया !
जवाब देंहटाएंब्लॉग खुलते ही जो प्यारा सा फ्रेश चेहरा दीखता है तो थकान ही गायब हो गयी ...
शुभकामनायें आपको !
वाह...कमाल की रचना...बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंनीरज
चलिए हमने भी आशा की लौ जला ली है कि ऐसी खुबसुरत रचनाए हमें आगे भी पढ़ने को मिलेगी।
जवाब देंहटाएंSunder Panktiyan
जवाब देंहटाएंसुंदर भावो से व्यक्त किया आपने .
जवाब देंहटाएंआपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें.
khubsurat blog pe khubsurat kavita..badhai
जवाब देंहटाएंkhubsurat kavita
जवाब देंहटाएंलिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/
अगर आपको love everbody का यह प्रयास पसंद आया हो, तो कृपया फॉलोअर बन कर हमारा उत्साह अवश्य बढ़ाएँ।
bahut khubsurar rachana hai.man ko sukun deti hai thanx.
जवाब देंहटाएंkhuubsuurat rachna |
जवाब देंहटाएंbadhaai bhai ||
ye dil ko chu jane wala rachna hai.
जवाब देंहटाएंमुझे ये उचित नहीं लगता है कि किसी ब्लॉग पर टिप्पणी करते वक्त परिचय छुपाया जाए...बहरहाल मेरे ब्लॉग पर एक बेनामी टिप्पणी आई है... मैं उऩका शुक्रगुजार हूं.... और उम्मीद करते हूं कि वे भविष्य में भी स्नेह बनाए रखेंगे.... और हां... अगली बार वे अपना परिचय भी नहीं छुपाएंगे...
जवाब देंहटाएंआकर्षण
bahut sundar rachana h.......man ko chhu gai
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत..
जवाब देंहटाएंक्या कहने
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
शुभकामनाएं
बहुत सुन्दर...बधाई
जवाब देंहटाएंकई असरार तो वाकई कमाल के हैं ....
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावों से सजी सुन्दर रचना .....
जवाब देंहटाएंब्लॉग खोलते ही मन प्रसन्न हो जाता है ...
सभी मित्रों को रक्षा बंधन की बधाई a good
जवाब देंहटाएंverse...
very nice post .
जवाब देंहटाएंBHARTIY NARI
आकर्षण गिरि जी,
जवाब देंहटाएंनमस्कार,
आपके ब्लॉग को "सिटी जलालाबाद डाट ब्लॉगसपाट डाट काम" के "हिंदी ब्लॉग लिस्ट पेज" पर लिंक किया जा रहा है|
आकर्षण जी
जवाब देंहटाएंनमस्ते !
नई रचना पढ़ने के लिए दो-तीन बार आ चुका हूं आपके यहां …
अवश्य ही आवश्यक कामों में व्यस्त होंगे …
शुभकामनाओं सहित
राजेन्द्र स्वर्णकार
very nice expression.
जवाब देंहटाएंhappy diwali.