रविवार, 29 अगस्त 2021

हम सरल न हुये ....!

जीवन जटिल है, 

मौत सरल।

तुम गरल न हुये, 

हम सरल न हुये । 😊          

               -गिरि

मंगलवार, 3 अगस्त 2021

मोहब्बत के ये मसले हैं, मोहब्बत से ही हल होंगे....

शराफत से नहीं होंगे, शरारत से नहीं होंगे। 

ज़मानत से नहीं होंगे, अदालत से नहीं होंगे।

अदावत से नहीं होंगे, बगावत से नहीं होंगे।

मोहब्बत के ये मसले हैं, मोहब्बत से ही हल होंगे।।

                                 - आकर्षण कुमार गिरि ।



मंगलवार, 30 मार्च 2021

तेरा आना सकर्मक है, नहीं आना सकर्मक है.....

तेरा आना मेरे जीवन में खुशियों का प्रवर्तक है। 
जो तू है तो जमीं और आसमां मेरे समर्थक हैं। 
तेरा आना या न आना क्रिया के भेद हैं ऐसे । 
तेरा आना सकर्मक है, नआना भी सकर्मक है। -आकर्षण कुमार गिरि

मंगलवार, 9 फ़रवरी 2021

मगर अब टूट जाते हैं.....

यहां हर आस झूठी है, यहां हर ख्वाब झूठे हैं। 
जिसे शिद्दत से जब चाहा, वही हर बार छूटे हैं।ज़माना तब नहीं समझा, ज़माना अब क्या समझेगा?
कि तब हम छूट जाते थे, मगर अब टूट जाते हैं। 
                                             - गिरि

मेरे जिगर को मेरी मुफलिसी ने काट दिया

दिलों का दर्द मेरी आशिकी ने काट दिया।  मेरी मियाद मेरी मैकशी ने काट दिया।  बयान करने को अब कोई बहाना न बना  तेरी ज़बान मेरी ख़ामुशी ने काट दि...