सोमवार, 14 फ़रवरी 2011

चुभती साँसें मत देखा कर

ख्वाब पुराने मत देखा कर
धुंधली यादें मत देखा कर

और भी दर्द उभर आयेंगे 
दिल के छाले मत देखा कर

जीवन में पैबंद बहुत हैं
मूँद ले आँखें मत देखा कर

अपने घर कि बात अलग है
औरों के घर मत देखा कर 

कहने वाले बस कहते हैं 
दिन में सपने मत देखा कर

जीवन का जब जोग लिया है
चुभती साँसें मत देखा कर
- आकर्षण


मेरे जिगर को मेरी मुफलिसी ने काट दिया

दिलों का दर्द मेरी आशिकी ने काट दिया।  मेरी मियाद मेरी मैकशी ने काट दिया।  बयान करने को अब कोई बहाना न बना  तेरी ज़बान मेरी ख़ामुशी ने काट दि...