जिसकी आंखें सजल हैं।
उसके आंसू का एक एक कतरा
गज़ल है।
जरा पढ़ के तो देखो।
दिलों का दर्द मेरी आशिकी ने काट दिया। मेरी मियाद मेरी मैकशी ने काट दिया। बयान करने को अब कोई बहाना न बना तेरी ज़बान मेरी ख़ामुशी ने काट दि...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें