समंदर आँख से ख्वाबों कोओझल कर नहीं सकता ।
समंदर खुद के एहसासों से बोझिल हो नहीं सकता ।।
ये वो शै है जिसे रुसवाइयाँ मिलती हैं जीवन भर ।
समंदर अपने ख्वाबों का तो कातिल हो नहीं सकता ।।
- गिरि
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