जब भी राज
उजागर होगा ।
सामने कोई
सागर होगा ।।
जिसकी जितनी चादर होगी।
उसका उतना ही कद होगा ।।
जीवन जिसका
खुद एक दर्पण ।
शायर वो
ही शायर होगा ।।
दिल की
बात को दिल में रखना ।
गागर तब
ये सागर होगा ।।
उससे कन्नी
काट के चलना ।
जिसके हाथ
में पावर होगा ।।
मौला तेरे
घर आएंगे ।
जब तू खुद
से बाहर होगा ।।
'गिरि'
को उसमें डूबना
होगा ।
जिसका नाम
समंदर होगा ।।
- आकर्षण।
- आकर्षण।