कि.. मैं जब मैं नहीं होता, तभी तुम तुम भी नहीं होती
तमाशा जिन्दगी में वक्त के साये में होता है
कि जब सूरज नहीं होता है, परछाईं नहीं होती
न वो तेरी कहानी है, न वो मेरी कहानी है
जिसे सब इश्क कहते हैं, वो किस्सा-ए-नादानी है
सुना है इश्क के किस्सों पे वो चर्चा नहीं होती
कि अब कान्हा नहीं रोता, कि अब राधा नहीं रोती
कि जब सूरज नहीं होता है, परछाईं नहीं होती
न वो तेरी कहानी है, न वो मेरी कहानी है
जिसे सब इश्क कहते हैं, वो किस्सा-ए-नादानी है
सुना है इश्क के किस्सों पे वो चर्चा नहीं होती
कि अब कान्हा नहीं रोता, कि अब राधा नहीं रोती
की जब मैं मैं नहीं होता तो
जवाब देंहटाएंतुम तुम भी नहीं होती..
जहाँ दुनिया सहमती है
दीवाना कर गुजरता है...
वाह.. क्या खूब लिखा है...पूरी रचना ही गहरे अर्थों से ओतप्रोत है..
Sundar! Ati Sundar!!
जवाब देंहटाएंALOTS OF THANK....
जवाब देंहटाएंNICE POST...
KEEP IT UP>>>>
bahut sunder ...dil se likha aapne
जवाब देंहटाएंआप सभी बंधुओं का तहेदिल से शुक्रिया....
जवाब देंहटाएंयदि आप भारत माँ के सच्चे सपूत है. धर्म का पालन करने वाले हिन्दू हैं तो
जवाब देंहटाएंआईये " हल्ला बोल" के समर्थक बनकर धर्म और देश की आवाज़ बुलंद कीजिये... ध्यान रखें धर्मनिरपेक्षता के नाम पर कायरता दिखाने वाले दूर ही रहे,
अपने लेख को हिन्दुओ की आवाज़ बनायें.
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हल्ला बोल
शब्द और भाव की दृष्टि से आपकी रचना अनूठी है...आपके ब्लॉग का नाम बहुत दिलकश और सब से हट कर है जो बहुत पसंद आया...ऐसे ही लिखते रहें. शुभकामनाओं सहित
जवाब देंहटाएंनीरज
badhiya likhte hain aap ! pyar se pare duniya ko dekhiye.... bahut sarthak likehnge aap !
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया पोस्ट है| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंजहाँ दुनिया सहमती है
जवाब देंहटाएंदीवाना कर गुजरता है...
वाह.. क्या खूब लिखा है..
बहुत खूब लिखा है आपने.
जवाब देंहटाएंआपके शब्द दिल को छू रहे हैं.
आपकी कलम को ढेरों सलाम.
बहुत खूब लिखा है आपने.
जवाब देंहटाएंआपके शब्द दिल को छू रहे हैं.
आपकी कलम को ढेरों सलाम.