शनिवार, 18 अक्टूबर 2025

दूर होठों से बददुआ रखना...

 साथ अपने ये फलसफा रखना।

मिलने जुलने में फासला रखना।


जिंदा हो तुम, यकीन करने को।

"सामने अपने आईना रखना।"


ख्वाब आंखों में अल्हदा पालो।

आसमानों से राब्ता रखना।


वो जो दिल के करीब रहता है

जान ले लेगा, हौसला रखना।।


कश्तियां राह भी भटकती हैं।

एक तारा निगाह में रखना।


आवले अब न बात मानेंगे

साथ में दर्द की दवा रखना।


मेरी सोहबत में कुछ न पाओगे

दोस्त मुझसा कभी नहीं रखना।


जब कभी घर से दूर जाना हो

घर की खुशबू को पास में रखना।


खुद पे काबू नहीं रहे जब भी

दूर होठों से बददुआ रखना।


जब भी आओ गरीबखाने में

पहले दायां कदम सदा रखना।


कल ये गीतों का काफिला होंगे

ज़ख्म अपने सम्भाल कर रखना।


चांद तारों को छू के आने को

गिरि के सर पे अपने पा रखना। 

            - आकर्षण कुमार गिरि

दूर होठों से बददुआ रखना...

  साथ अपने ये फलसफा रखना। मिलने जुलने में फासला रखना। जिंदा हो तुम, यकीन करने को। "सामने अपने आईना रखना।" ख्वाब आंखों में अल्हदा प...